आप पढ़ रहे हैं भूतिया (Bhutiya) स्कूल भाग -2 की कहानी। स्कूल काफी बड़ा था और चारो तरफ हरियाली और पहाड़, जोकि हरि को बहुत अच्छे लगते थे। बातों बातों में स्कूल के कर्मचारियों से पता चला कि वो जो सिक्योरिटी गार्ड हटाया गया है, वो स्कूल की इमारत के अंदर रात को नहीं जाता था क्योंकि उसे डर लगता था। एक और बात पता चली की स्कूल की इमारत में डरने वाला वो सिक्योरिटी गार्ड अकेला इंसान नहीं है। लेकिन हरि ने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि पुराने कर्मचारियों को आदत होती है नए कर्मचारियों को डराने की। 2 दिन बाद एक और नया सिक्योरिटी गार्ड आया और पुराना दूसरा सिक्योरिटी गार्ड भी चला गया।
दूसरे सिक्योरिटी गार्ड के साथ हरि बहुत जल्दी घुल मिल गया। एक दिन दूसरे सिक्योरिटी गार्ड की रात की shift थी और उसे हर रात को शराब पीने की आदत थी। हरि को दिन की shift थी तो वो सो गया। रात को तकरीबन 1 बजे दूसरा सिक्योरिटी गार्ड भागते हुए हरि के पास आया और साथ में चलने को कहा। हरि भी बिना कुछ सोचे अपने पास रक्खा हॉकी stick उठाकर उसके साथ भागा क्योंकि रात को दूसरा सिक्योरिटी गार्ड ही सहारा होता है अगर कोई घटना हो जाए। दूसरा सिक्योरिटी गार्ड हरि को स्कूल को इमारत में ले गया। सारी इमारत छान ली लेकिन कुछ नही दिखा। दोनों वापिस आकर सिक्योरिटी गार्ड वाले कमरे में बैठ गए जो की main gate पास होता है। हरि ने सिक्योरिटी गार्ड से पूछा कि हुआ क्या था। दूसरा सिक्योरिटी गार्ड बोला, मुझे नहीं पता, कुछ गड़बड़ थी वहां उन bathrooms के पास। हरि ने हंसते हुए कहा, तू शराब कम पिया कर रात को। सिक्योरिटी गार्ड बोला, अरे नहीं शराब मुझे नशा नहीं कर सकती, वहां कुछ गड़बड़ थी। हरि बोला, चल ठीक है, अब कुछ नही वहां पर।
Bathrooms के बारे में एक बात बताना भूल गया मैं। वहां दो bathrooms थे। पुराने bathrooms ko जबरदस्ती थोड़ा हुआ लग रहा था। और उसी के बाद नए baathrooms बना दिए गए थे। हरि ने कई बार इसके बारे में पूछा कर्मचारियों से लेकिन किसी ने कुछ जवाब नहीं दिया। उस रात के बाद दूसरा सिक्योरिटी गार्ड कभी भी रात को इमारत में नहीं गया। एक रात हरि की रात की shift थी। हरि ने और दूसरे सिक्योरिटी गार्ड ने मिल कर शराब पी उस रात। दूसरा सिक्योरिटी गार्ड जाकर कमरे में सो गया और हरि रात को प्रकृति का नज़ारा लेते हुए खेलकूद वाले मैदान में टहलने लगा। खाते पीते वैसे भी देर रात हो ही चुकी थी। लगभग 12 बजे हुए थे, हरि सिगरेट फुक रहा था। फिर उसने सोचा की उस रात दूसरे सिक्योरिटी गार्ड के साथ क्या हुआ होगा। उसके मन में एक बात आई की चलो वहीं इस पहेली को सुझाया जाए जहां पर दूसरा सिक्योरिटी गार्ड डरा था उस रात। हरि ने torch बंद करदी, powercut के कारण स्कूल में बिजली नहीं थी। हरि धीरे धीरे bathrooms की तरफ बढ़ने लगा, उसके मन में था की कुछ देर वहीं छुप कर बैठा जाए और दो चार सिगरेट फूकी जाएं वहीं बैठ कर।
हरि धीरे धीरे कदम दबाकर bathrooms की और बढ़ रहा था ताकि वहां जो भी गड़बड़ हो, उसे पता ना चले। जैसे ही हरि bathrooms se थोड़ी दूर पर था, baathrooms के साथ वाले कमरे का दरवाज़ा जोर जोर से खड़कने लगा। ढंडी रात थी, थोड़ी धुंध भी थी, लेकिन हरि वो दृश्य देखकर एक पल के लिए सब कुछ भूल गया, दो चार लम्हे बाद उसकी चेतना ने फिर से काम किया और वो खड़खड़ाते हुए दरवाजे को देखकर वहां से भाग बाहर की और। अपने साथ वाले सिक्योरिटी गार्ड के पास जाकर बोला, खड़ा हो, आज इस रहस्य को हो उखाड़ देंगे। दोनो भागे bathrooms की तरफ। वो दरवाजा खोलकर देखा जो खड़खड़ा रहा था। सारी इमारत छान दी लेकिन कुछ नहीं। अब तक हरि को ये तो पता चल चुका था की ये किसी इंसान की हरकत नही है। कर्मचारियों से रहस्य जानने की कोशिश की लेकिन किसी ने नहीं बताया। एक लड़का शाम को वहां आता था घूमने, वो मुख्याध्यापक का बेटा था। हरि ने उससे पूछा कि कुछ पता हो तो बताओ। पहले तो उसने कुछ नहीं बताया लेकिन बाद में मनाने पर मान गया। उसने बताया कि इस स्कूल पर गैरजिम्मेवारी का कोर्ट केस चला हुआ था। केस क्या था की इस स्कूल में एक लड़के और लड़की ने आत्महत्या की थी। उसने बताया कि वो लड़का और लड़की प्रेम करते थे और शादी करना चाहते थे। लेकिन नाबालिग होने के कारण उनको स्कूल और घर में सिर्फ प्रताड़ना का सामना करना पड़ता था। एक दिन उन्होंने उन baathrooms में अपनी कलाई की नब्ज काट ली, जब तक कोई छात्र वहां आया, वो खून बहने से मर चुके थे। बाद में बच्चे उन bathrooms में डरने लगे और मैनेजमेंट ने उनको तोड़ने का निर्णय लिया।
तो दोस्तों, आपको ये रहस्य और मायूसी भरी भूतिया कहानी (Bhutiya kahani) कैसी लगी, comment box में जरूर बताएं, मेरी कहानियों को पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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