पुनर्जीवित किसान | हिंदी कहानी (Hindi kahani)

पुनर्जीवित किसान | छोटी कहानी | कहानी | Kahani | घटना | | किसान

दो
स्तो आज आपके लिए मैं एक हिंदी कहानी (Hindi kahani)लाया हूं जो कि जो एक वास्तविक घटना है। लेकिन ये बहुत पुरानी बात है और मेरे एक करीबी मित्र द्वारा बताई गई है। वैसे तो इस तरह के हादसे समाज में बहुत बार हुए हैं लेकिन वो समय के साथ साथ धुंधले पड़ जाते हैं। कुछ ऐसा ही एक लम्हा मैने फिर से नवीन किया है इस लेख में। तो आइए उस लम्हे को पढ़कर उसका आनंद उठाते हैं।

एक बार एक किसान जिसका नाम मामचंद था, खेत में काम करते करते जमीन पर गिर गया। आस पास के लोगों ने निरीक्षण किया तो वो मर चुका था। वातावरण शोक में तब्दील हो गया। किसी ने कहा की इसके घर वालों को खबर दे दी जाए। ताकि अंधेरा होने से पहले इसका देह संस्कार कर दिया जाए।

थोड़ी देर में उसके घरवाले भी रोते रोते वहां पर पहुंच गए। बड़े वजूर्गो ने देह को घर ले जाने एक लिए एक अर्थी तैयार की और मामचंद को उस अर्थी पर लेटा दिया। जैसे ही लोगों ने अर्थी को उठाने की तैयारी की,मामचंद जिंदा हो गया। सब लोग ये दृश्य देखकर अचंभित थे। किसी ने उससे कहा की तुम मर गए थे, अब ठीक हो या नहीं? 
मामचंद बोला, हां मैं मर गया था.. दो काले कपड़े वाले लोग मुझे एक लंबी दाढ़ी वाले फकीर के पास ले गए.. फकीर ने आंखे बंद करके खोली तो वो एकदम से काले कपड़े वाले लोगों को बोला की इसको नहीं लाना था.. इसी के शहर से इसी के नाम का दूसरा व्यक्ति लाना था.. इसको तुरंत इसकी देह में डालो और इसके नाम वाले दूसरे व्यक्ति को लाओ जो इसी के शहर में रहता है। काले कपड़े वालों ने मुझे एक पहाड़ पर लाकर धक्का दे दिया और मैं जिंदा हो गया।

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वहां खड़े सब लोगों ने ये कहानी बड़ी गंभीरता से सुनी और कुछ लम्हे तक एकदम शांत खड़े रहे। चुप्पी तोड़ते हुए एक व्यक्ति बोला, चलो अब तो सब ठीक हो गया.. अब किस बात का शौक.. दिन ढलने वाला है.. घर चलते हैं.. बाकी बाते वहीं करेंगे। 
और इसी के साथ सभी लोग खुशी खुशी बातें करते हुए घर की तरफ चल दिए।

2 दिन बीतने के बाद, कहानी सुन रहे दो लोगों को याद आया कि लंबी दाढ़ी वाले फकीर ने कहा था कि उसी किसान के नाम का दूसरा व्यक्ति लाना था और वो भी उसी के शहर का। दोनों लोगों ने इस कहानी को सच्चाई की तफ्तीश करने का निर्णय लिया और सारे शहर में उनके जानकारों से पूछने लगे को क्या 2 दिन पहले कोई व्यक्ति दोपहर बाद मारा है, जिसका नाम मामचंद ही हो। तभी उनको किसी ने बताया कि एक व्यक्ति मरा है दो दिन पहले, जिसका नाम मामचंद ही था।

दोस्तों मुझे यह बताते हुए अफ़सोस हो रहा है की ये हिंदी कहानी (Hindi kahani) कहीं न कहीं एक सच्चाई से वास्ता रखती है। लेकिन मैं ये सोचकर हैरान हूं की इंसान की तो फितरत है गलतियां करने को, क्या इस श्रृष्टि को चलाने वाला भी गलतियां करता है? अगर आपको ये कहानी अच्छी लगी हो तो comment box में प्रशंशा के दो बोल जरूर लिखिए। इससे मुझे प्रोत्साहन मिलेगा आपके लिए और नई नई कहानियां लिखने का, धन्यवाद।

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