कहानी (Kahani) किस्मत की

कहानी किस्मत की, Kahani kismat ki, Hindi365

क बार एक व्यक्ति एक ज्योतिष के पास जाता है। ज्योतिष उसका हाथ देख कर कहता है कि तेरी किस्मत में कभी भूखा रहना नही लिखा। ( Note - आप पढ़ रहे है कहानी किस्मत की ) अतः तुम कभी भी जिंदगी में भूखे नहीं सोओगे। वह व्यक्ति तार्किक था, ज्योतिष पर उसको विश्वाश नही थी।  उसने ज्योतिषी से शर्त लगाई को वह ज्योतिष की बात को गलत साबित करके दिखाएगा। ज्योतिषी भी अपनी विद्या का धनी था। उसने भी व्यक्ति की शर्त स्वीकार कर ली।

अगले दिन उस व्यक्ति ने निश्चय किया कि वह आज का दिन जंगल में बिताएगा। अगर समाज में रहा तो कोई न कोई उसको खाना खिला ही देगा। तो वह व्यक्ति सुबह जल्दी उठकर जंगल में चला गया। सारा दिन वहीं रहा। सुबह से कुछ भी नहीं खाया। सर पर सिर्फ एक ही धुन, कि ज्योतिषी को गलत साबित करना है। अब रात होने को आई थी। तभी उसको दूर से एक राजा का काफिला उसकी तरफ आते हुए दिखाई दिया। वह उनसे छुपने के लिए एक बरगद के पेड़ पर चढ़ कर बैठ गया। उसको दर था कि अगर किसी ने उसको इस जंगल में देख लिया तो कहीं खाना न खिला दे।

राजा का काफिला सारे दिन चलते चलते थक चुका था। उस बरगद के पेड़ के नीचे आकर राजा ने अपने सैनिकों से कहा कि आज रात यहीं रुकेंगे। सैनिकों ने वहीं पर तंबू लगा दिए। बावर्ची खाना बनाने लगे। थोड़ी देर बाद खाना भी बनकर तैयार हो गया। आप लोगों ने शायद सुना होगा कि राजा को खाना खिलाने से पहले कुत्तों या बिल्लियों को खाना खिलाया जाता था ताकि अगर किसी ने राजा के खाने में कुछ जहर मिला दिया हो तो जानवर पर खाने का असर देख कर, राजा को खाना परोसा जाए। लेकिन आस-पास कोई कुत्ता या बिल्ली तो था नहीं। तभी एक सैनिक की नजर उस बरगत पर बैठे व्यक्ति पर पड़ी।

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अगले ही पल सैनिकों ने उसको पेड़ पर से उतार लिया और बंदी बना कर राजा के पास लेकर गए। राजा ने पूछा कि इस घने जंगल में अकेले क्या कर रहे थे। उसने सारी बात बता दी। तभी मंत्री बोला, " महाराज, ये झूठ बोल रहा, कोई खाने से बचने के लिए जंगल में छुप कर क्यों बैठेगा, मुझे तो ये चोर या कोई दूसरे राज्य का जासूस दिखाई पड़ता है,  आप आज्ञा दें तो इसको अभी मौत के घाट उतार देते हैं "। तभी एक दूसरा मंत्री बोला, " क्षमा करे महाराज, अगर आप की इजाजत हो तो इस व्यक्ति का हम कुछ सही उपयोग कर सकते हैं, हमारा खाना जांचने के लिए आज कोई कुत्ता या बिल्ली नही मिला, खिलाना तो किसी न किसी को पड़ेगा ही, क्यों न इसी मुजरिम को खिला कर देख लिया जाए "। राज ने उस मंत्री के साथ सहमति जताई।


अब सारे पकवान का थोड़ा सा हिस्सा उस व्यक्ति को खाने को बोला गया। उस व्यक्ति ने खाने से इंकार कर दिया। वो यही कहता रहा कि मैं शर्त नहीं हारना चाहता। तब राजा ने हुकुम दिया कि इसको मार मार कर खिलाया जाए। सैनिकों ने उसको डंडे से मार मार कर खाना खिलाया। अब उस व्यक्ति को उस ज्योतिषी की बातों पर यकीन हो रहा था। उसको जंजीरों में बांध कर रखा गया। सुबह जब हुई तो राजा का काफिला राज्य की और चला। राज्य में पहुंच कर किसी ने उस व्यक्ति को पहचान लिया और राजा से उसको जीवन दान देने की गुज़ारिश की। राजा ने उस व्यक्ति द्वारा बताए गए ज्योतिषी को भी महल में बुलाया और सारी बात पूछी। व्यक्ति द्वारा बताई गई बात सत्य साबित होने पर राजा ने उस व्यक्ति को जीवन दान दे दिया। तब उस व्यक्ति ने ज्योतिषी से कहा कि प्यार से खिलाते तो बहुत देखा लोगों को लेकिन मुझे तो मार मार कर खिलाया।

तो दोस्तों आपको ये कहानी कैसी लगी? कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। मेरी कहानियां पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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